विश्व का विशालतम शिव
पेरिअप्पा पेरिअप्पा आप इस महाशिवरात्रि के लिए
मुरुदेश्वर के शिव के बारे में लिखिए न. मुंबई से हमारी भतीजी गौरी ने कहा. तो फ़िर तू ही लिख दे न. नहीं न पेरिअप्पा अभी एक्साम्स हैं. अभी लिखने बैठूंगी तो अम्मा खा जायेगी, अच्छा आप का नाम ले लूंगी. हमने बिना सोचे विचारे ही कह दिया जरुरत नहीं है. मन ही मन हमने सोचा कही परीक्षा में नंबर कम आए तो नाहक हम कारक न बन जायें. लीजिये फ़िर इस शिवरात्रि पर विशेष.
यहाँ आस पास ही ४ होटल हैं. बगीचे से लगा हुआ एक रेस्ट हाउस है जहाँ रहने का किराया जेब पर भारी नहीं पड़ता. मन्दिर की ओर जाते समय समुद्र से सटा हुआ ‘नवीन बीच रेस्टोरेंट’ बड़ी अच्छी जगह बना है. अन्दर नाश्ता करते हुए समुद्र का नज़ारा बड़ी संतुष्टि दायक होती है.
मुरुदेश्वर कर्णाटक के भटकल तहसील में मुंबई – थिरुवनन्थपुरम रेल मार्ग पर पड़ता है और गाडियां यहाँ रूकती भी हैं. बीकानेर और जोधपुर से भी रेलगाडियां मिलती हैं. दिल्ली की ओर से आने के लिए कोंकण मार्ग पर जानेवाली गाड़ियों को चुना जा सकता है. गोवा से मुर्देश्वर की दूरी मात्र १६० किलोमीटर है. यहाँ से उडुपी भी नीचे १०० किलोमीटर की दूरी पर है. मुरुदेश्वर स्टेशन से मन्दिर या बीच तक के लिए ऑटोवाले २० रुपये लेते हैं. हुबली में उतरकर भी यहाँ आया जा सकता है.
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